tag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post6244767654408986638..comments2023-10-25T02:36:21.676-07:00Comments on प्रेम धुन (कविता संग्रह): कहना सुनना या जानना नहीं, जी लेना है इसेरूपमhttp://www.blogger.com/profile/15554760244572316243noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-9374222406475970762010-11-15T22:49:42.177-08:002010-11-15T22:49:42.177-08:00बेहद उम्दा और जीवन दर्शन दिखाती प्रस्तुति।बेहद उम्दा और जीवन दर्शन दिखाती प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-39802576065301741412010-11-15T20:27:26.784-08:002010-11-15T20:27:26.784-08:00बेहतरीन!बेहतरीन!Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-51545144528413554372010-11-14T23:30:15.819-08:002010-11-14T23:30:15.819-08:00चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 16 ...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 16 -11-2010 मंगलवार को ली गयी है ...<br />कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रियासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-75723591869936064732010-11-14T23:16:20.259-08:002010-11-14T23:16:20.259-08:00bhut acchi lagi ye rachna
regardsbhut acchi lagi ye rachna<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-48203153787829264882010-11-14T22:35:27.572-08:002010-11-14T22:35:27.572-08:00आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ और दिल खुश हो गय...आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ और दिल खुश हो गया...आपके पास अच्छे शब्द ही नहीं अच्छे भाव भी हैं जो आप अपनी रचनाओं में बखूबी प्रस्तुत करते हैं...मेरी बधाई स्वीकार करें और लिखते रहें...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-71174635006545608372010-11-14T08:31:10.654-08:002010-11-14T08:31:10.654-08:00रूपम जी ,
बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना ..ज़िंदगी ...रूपम जी , <br /><br />बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना ..ज़िंदगी के यथार्थ को कहती हुई ..<br />जी रहा है जिसको, जो जीवन सा दिखता है <br />सोचा है वो किसी का,जो बाज़ार में बिकता है.<br /><br />पल पल है सँवारा, जिसे सभाल कर रखता है<br /> ये जो रेत का घरोंदा,बनता है; के मिटता है<br />यह विशेष पसंद आयीं .....<br />और हाँ मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया ....ज़िंदगी का गंतव्य तो एक ही है ..और वो हर एक कि ज़िंदगी को मिल ही जाता है ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-40619806922894297712010-11-14T03:18:10.267-08:002010-11-14T03:18:10.267-08:00बहुत सुन्दर!बहुत सुन्दर!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1734308171448861275.post-48568000197578953102010-11-14T03:10:51.378-08:002010-11-14T03:10:51.378-08:00"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
शब्दों को चुन-चुन क..."ला-जवाब" जबर्दस्त!!<br />शब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com